बुद्ध और नाचघर वाक्य
उच्चारण: [ budedh aur naachegher ]
उदाहरण वाक्य
- ' ' (बुद्ध और नाचघर, ‘ दोस्तों के सदमे ', 91)
- ' ' (बुद्ध और नाचघर, ‘ युग का जुआ ', 129)
- मंदिर के अंदर गया तो बच्चन जी की ‘ बुद्ध और नाचघर ' का स्मरण हो आया।
- मंदिर के अंदर गया तो बच्चन जी की ` बुद्ध और नाचघर ' का स्मरण हो आया।
- मंदिर के अंदर गया तो बच्चन जी की ` बुद्ध और नाचघर ' का स्मरण हो आया।
- ओ जो तुम ताजे़, ओ जो तुम जवान! '' (‘ आह्वान ', बुद्ध और नाचघर, 28)
- , नीड़ का निर्माण फिर फिर, मधुशाला की रुबाइयाँ, अग्निपथ व बुद्ध और नाचघर को ऐसी ही लोकप्रिय कविताओं की श्रेणी में रखा जा सकता है।
- “ बहुत बड़ा कलेजा चाहिए किसी का करने को सम्मान, और किसी की कमज़ोरियों का आदर-यह है फ़रिश्तों के बूते की बात, देवताओं का काम! ” (बुद्ध और नाचघर, ‘ कडुया अनुभव ', 105)
- सामाजिक-राजनैतिक कविताओं (बंगाल का काल, खादी के फूल, सूत की माला, धार के इधर-उधर, आरती और अंगारे, बुद्ध और नाचघर, त्रिभंगिमा, चार खेमे चौंसठ खूँटे, दो चट्टानें, जाल समेटा) तक आते-आते बच्चन का यह काव्य-नायक मनुष्य अपने व्यक्तित्व के रूपांतरण और समाजीकरण में सफल हो जाता है ;
- निशा-निमंत्रण ', ‘ प्रणय पत्रिका ', ‘ मधुकलश ', ‘ एकांत संगीत ', ‘ सतरंगिनी ', ‘ मिलन यामिनी ', ” बुद्ध और नाचघर ', ‘ त्रिभंगिमा ', ‘ आरती और अंगारे ', ‘ जाल समेटा ', ‘ आकुल अंतर ' तथा ‘ सूत की माला ' नामक संग्रहों में आपकी रचनाएँ संकलित हैं।
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